कुछ ही दूरी पर हम दोनों बैठे थे... वो कही और देख रही थी और मैं कहीं और देख रहा था... खुशी की बात ये थी के वो मुझे सोच रही थी और मैं उसे... एक एहसास मुझे हुआ और शायद उसे भी... के अब एक दूसरे की और देखा जाएं... तो देखने का मन बना लिया... जब देखा तो पहली नज़र मिलते ही मुह फेर लिए और दोनों के चेहरे पर मुस्कान सी आ गई... फिर दिल मे एक एहसास आया शायद मुझे भी और उसे भी... के फिरसे दुसरी नज़र मिलाई जाए... फिर दूसरी नज़र मिलाई... फिर एक दूसरे को देख कर मुह फेर लिए... और …
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आती हो नज़दीक मेरे... पास कभी तुम रुकती नहीं... झुकाती हो नज़रें ऐसे... क्यूं मुझे तुम देखती नहीं... सब कुछ समझती है आँखें मेरी... होंठों से ना सही... इशारों से भी तुम कुछ केहती नहीं... बे-करार हूँ मैं तुम्हे सुनने को... लफ़्ज़ों में नाम मेरा कभी तुम लेती नहीं... रुक रुक कर धड़कता है दिल मेरा... आँखें जब ढूंढती तुम्हे यहाँ वहाँ से हर जहाँ... जमीला-ए-चेहरा है या ख़्वाब कोई ये खूबसूरती तुम्हारी... जी भर के देख न लू जब तक ये आँखें भी कम्बख्त रहती नहीं... दूरियां…
Jab tum chahogi tab hi sahi... Milne aaunga tumhe un baarishoin mein wahi... Jaha aati thi tum chup kar Milne ko mujhse... Bindiya , kangan , gale ka haar , ek gulab ka phool aur tumhari mang mein bharne ke liye sindoor sab laaunga wahi... जब तुम चाहोगी तब ही सही... मिलने आऊंगा तुम्हें उन बारिशों में वही... जहाँ आती थी तुम छुपकर मिलने को मुझसे... बिंदियां, कंगन, गले का हार, एक गुलाब का फ़ूल और तुम्हारी मांग में भरने के लिए सिंदूर, सब लाऊंगा वही... #shayari #ghazal #hindi #urdu #hindipoetry #urdupoetry #avim #shaya…
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