मैं कहाँ ले जाऊँ मन मेरा soul alone somewhere मैं कहाँ ले जाऊँ मन मेरा... तुझसे बिछड़ने को तैयार नही... मैं कहाँ ढूंढू सुकून मेरा... तेरी यादों से मुझे निज़ात नही... मेरी बे-चैनी को कोई देखो भी... बताओ किस दवा की मुझे जरूरत है... कैसे जीता हूँ मैं उसे पता नही... मेरा ख़याल भी उसे कहाँ आता होगा... वो ख़ुश होगी बोहत अपनी दुनिया में... मेरे ख्वाबों की उसे कभी फ़िकर न थी... जब दिल लगाना था तो बात कहनी थी... दो-चार बातें ज़्यादा की उसने मुझसे करनी थी... शायद ही कोई होगा मुझ जैसा जिसे मिली है ये... दर्द ही दर्द है जिस में ऐसी है हर पल की ये ज़िंदगी... म…
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