मै सुबह की सेहरी जैसा हूँ तुम इफ्तार सी इंतज़ार हो
मै सुबह की सेहरी जैसा हूँ
तुम इफ्तार सी इंतज़ार हो
मै गुब्बारे में भरी हवा...
तुम नोक दार एक सुई हो
मैं केहता फिर रहा हूँ लोगो
से वो चाँद मुबारक हो तुम
यही हो तुम, कहाँ नही हो तुम
यही है क़ुर्बत् मुझ मे रही हो तुम
तुम सर से पाओं तक सजी हूर हो
मैं नीचे से उपर तक एक लकीर हूँ
तुम मेरे मन की एक बात हो
मैं तुमसे बातें करते रेहता हूँ
आँखों मे बसा खूबसूरत चेहरा हो
तुम्हे याद कर रहा मै एक दर्द हूँ
~ Avim
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